NCERT ECONOMICS CLASS 9TH CHAPTER - 4 भारत में खाद्य सुरक्षा

  भारत में खाद्य सुरक्षा  - जीवन जीने के लिए मानव को भोजन की आवश्यकता होती है , जितना हमे सांस लेने के लिए वायु (ऑक्सीज़न)  और पीने के लिए पा...

NCERT ECONOMICS CLASS 9TH  CHAPTER - 4


 

भारत में खाद्य सुरक्षा 

- जीवन जीने के लिए मानव को भोजन की आवश्यकता होती है , जितना हमे सांस लेने के लिए वायु (ऑक्सीज़न)  और पीने के लिए पानी की जरूरत होती है उतना ही हमको भोजन आवश्यक होता है। 

- भारत में खाद्य सुरक्षा का अर्थ है इंसान के लिए खाद्य पदार्थ की उपलब्धता ,खाद्य पदार्थ  तक लोगो की पहुँच , लोगो का सामथर्य। 

उपलब्धता

 -  सरकार के पास  वो खाद्य सामग्री भंडार ग्रह में होनी चाहिए जिसकी लोगो को आवश्यकता है , ये सब सरकार को पहले से ही गोदामों में स्टोर करके रखना पड़ता है।  

पहुँच 

-  मनुष्य की उस खाद्य  पदार्थ तक पहुँच होनी चाइये मतलब अगर किसी राज्य (मध्य प्रदेश) में अनाज की कमी है और दूसरे राज्य पंजाब में अनाज के भंडार है और सरकार बोल रही है अनाज है हमारे पास दूसरे राज्य में तो लोगो की पहुँच तक खाद्य पदार्थ नहीं है। 

- इसलिए सरकार को वो अनाज अपने राज्य में ही लाना होना तभी लोगो की पहुंच उस खाद्य सामग्री तक होगी। 

- राज्य में होने के बाद भी लोगो के पास कैसे अनाज जाये जैसे गरीबी रेखा से नीचे के लोगो को सरकार खुद ही चावल , अनाज  आदि उपलब्ध कराती है। 

- अनाज के दाम ऐसे होने होने चाहिए कि आम व्यक्ति उस अनाज को खरीद सके। 

सामथर्य

 -  यदि किसी राज्य में अकाल पद जाता है तो सरकार के पास अनाज उपलब्ध होना चाहिए /

-  इंसान की पहुंच उस अनाज तक होनी चाहिए और इतना सामथर्य भी होना चाहिए की अनाज को खरीद सके। 

खाद्य सुरक्षा क्यों ?

- यदि देश में कोई प्राकृतिक आपदा आ जाये तो देश में पहले ही अनाज की उपलब्धता होनी चाहिए। 

- समाज में गरीब व्यक्ति या समूह उनके लिए खाद्य सुरक्षा की आवश्यकता होती है। 

- कभी - कभी जब देश जब किसी आपदा का सामना करता है तब निर्धनता से ऊपर के माध्यम लोगो भी खाद्य सुरक्षा की आवश्यकता होती है। 

- जैसा कि अब कोरोना काल में हो रहा है अधिकतर लोगो को खाद्य सुरक्षा की जरूरत है। 

- कोरोना काल में उत्तर प्रदेश में कुछ महीनो तक सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे के समूहों को फ्री अनाज की उपलब्धता और गैस सिलेंडर उपलब्ध कराये थे। 

सबसे ज्यादा अकाल में खाद्य सुरक्षा की किसको आवश्यकता होती है 

- भूमिहीन लोगो को 

- कारीगरों को 

- छोटे व्यापारियों को 

- जिनकी आय कम हो 

- प्रछन्न बेरोजगार व्यक्ति को 

- अनुसूचित जाति और जनजाति को 

बफर स्टॉक 

-  बफर स्टॉक का सामान्य अर्थ है कि सरकार के पास किसी आपदा के लिए खाद्य का स्टॉक होना चाइये जिससे जब कभी भी जरूरत हो उस भण्डारो के खाद्य पदार्थ को प्रयोग में ला सके। 

- भारतीय खाद्य निगम के माध्यम से सरकार द्वारा अधिपप्रात: अनाज गेंहू और चावल के भंडार को बफर स्टॉक कहते है। 

भुखमरी क्या है ?

भारत में जिस व्यक्ति के पास दो समय का खाना भी उपलब्ध न हो वही भुखमरी है। 

भुखमरी के प्रकार -  भुखमरी दो प्रकार की होती है - 

(1) मौसमी भुखमरी 

- जब ग्रामीण के पास खेतो में फसल पकने और फसल काटने के चार महीने तक कोई काम नहीं होता है तब मौसमी भुखमरी की स्थिति आती है। 

(2) दीर्घकालिक भुखमरी 

- जब किसी व्यक्ति या समूह के पास निरंतर भोजन की कमी हो तो उसके पास दीर्घकालिक भुखमरी होती है। 

- दीर्घकालिक भुखमरी में लोगो के पास लम्बे समय तक दोनों समय का खाना न होना होता है। 

भारत में भुखमरी ख़तम करने के उपाय 

सार्वजनिक वितरण प्रणाली 

- सार्वजानिक वितरण प्रणाली के माध्यम से भारत में भुखमरी को खत्म किया जा सकता है। 

भारतीय खाद्य निगम द्वारा गरीब लोगो को कम कीमतों पर अनाज वितरण किया जाता है इस क्रिया को सार्वजानिक वितरण प्रणाली कहते है। 

सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लाभ 

- अनाज के मूल्यों को स्थिर रखने में सहायता मिलती है। 

- जिस समूह या गांव के लोगो को खाद्य की जरूरत होती है इस से उन तक अनाज चावल आसानी से पहुंच जाता है। 

- इस से देश में आकाल और भुखमरी की व्यापकता को रोकने में सहायता मिलती है। 

- निर्धन परिवारों के लिए इस में कीमत भी उनके पक्ष में होती है। 

राशन की दुकानो को चलाने से कौन-कौन सी समस्याएं आती है  

- कुछ दूकानदार जो राशन की दुकान चलाते है लाभ कमाने के चक्कर में अनाज को अधिक दामों में खुले बाजार में बेचते है। 

- दूकानदार कभी कभी अनाज में घटिया अनाज की मिलावट भी करते है। 

- दुकानों को समय पर न खोलकर अपने अनुसार कभी- कभी खोलते है। 

- इस तरह की क्रियाओं से निर्धनों को बहुत परेशानी झेलनी पड़ती है। 

 सहकारी समितियां 

- भारत में सहकारी समितियों की खाद्य सुरक्षा में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। 

हरित क्रांति के खाद्य सुरक्षा पर क्या प्रभाव पड़े 

- हरित क्रांति ने भारत को खाद्यान के लिए आत्म निर्भर बनाया था क्योकि हमारे देश में हरित क्रांति से उपज में बढ़ोतरी हुई थी। 

- हरित क्रांति आने के बाद से भारत में मौसम की विपरीत दिशाओ के दौरान भी अकाल नहीं पड़ा है।

- अनाज के उत्पादन बढ़ने से भारत में अनाज की उपलब्धता सुनिश्चित हो गयी है। 


CHAPTER - 1  पालमपुर गांव की कहानी 

CHAPTER - 2 संसाधन के रूप मे लोग 

CHAPTER- 3  निर्धनता एक चुनौती