मुगलकाल की कला और साहित्य / Art and Literature of the Mughal Period

 मुगलकालीन साहित्य   मुगलो की राजभाषा फ़ारसी थी।   (1) मुगलो की प्रमुख पुस्तके और उनके लेखक  तुजुक-ए-बाबरी (बाबरनामा) - इस पुस्तक की रचना स्...

 मुगलकालीन साहित्य 

 मुगलो की राजभाषा फ़ारसी थी।  

(1) मुगलो की प्रमुख पुस्तके और उनके लेखक 

तुजुक-ए-बाबरी (बाबरनामा) - इस पुस्तक की रचना स्वयं बाबर ने तुर्की भाषा में की थी।  जबकि इस पुस्तक का फ़ारसी अनुवाद अकबर के शासनकाल के दौरान अब्दुर्रहीम खानखाना ने किया था। 

हुमायुनामा - इसकी रचना गुलबदन बेगम ने की थी। 

 मुन्ताख-उल-त्वारिख - बदायुनी ने 

 तुजुक-ए-जहागिरी - स्वयं जहाँगीर ने की बाद में पूरा मोतविद खां ने पूरा किया था। 

 पदशाहनामा - शाहजहाँ के काल के दौरान अब्दुल हमीद लाहोरी ने 

 शाहजहाँनामा - इनायतखान ने 

 सुककाते आलमगीरी - औरंगजेब ने जिसमे पत्रों का संकलन किया गया 

 फतवा-ए -आलमगीरी - शेख निजामुदीन अहमद ने 

 मंजुल बहरीन (दो समुन्द्रो का मिलन) - दारा शिकोह 

अनुवाद विभाग - मुगलशासक अकबर काल के दौरान अनुवाद विभाग बनाया हुआ था इस विभाग का नेतृत्व अकबर के नौरत्नों में एक फैजी ने किया था।  

 पंचतंत्र - अबुलफजल (अनवार-ए-सुहेली)

 रामायण - बदायुनी 

 लीलावती - फ़ैज़ी 

 महाभारत - नकीब खान, फैजी, बदायुनी (राज़नामा के नाम से)

Note - दारा शिकोह ने उपनिषद, भगवतगीता, बाइबल आदि धार्मिक ग्रंथो को फ़ारसी में अनुवाद कराया था। 

 मुगलकाल के दौरान चित्रकला 

मुगलो की चित्रकला में भातरीय और मुगलो दोनों का मिक्षण था इसकी शुरुआत हुमायु ने की थी। 

मीर सैयद अली और अब्दुरसमंद ये दो फ़ारसी चित्रकार थे जिन्होंने मुग़ल चित्रकला की शुरुआत की थी। 

 अकबर के काल के दौरान चित्रकार 

दसवंत, बसावन, अब्दुरसमद, महेश आदि अकबर के काल के चित्रकार थे। 

अकबर ने कई धार्मिक ग्रंथो का चित्रण कराया था। 

जहाँगीर के काल को चित्रकला का स्वर्णयुग कहा गया जिसके प्रमुख चित्रकार अबुल हसन, उस्ताद मसूर थे। 

अबुल हसन - व्यक्तियों की चित्रकारी किया करते थे। 

उस्ताद मंसूर - पक्षियों की चित्रकारी किया करते थे। 

शाहजहाँ के काल समय में फ़कीरउल्ला, मीर हासिम चित्रकार थे। 

औरंगजेब के काल के समय चित्रकला पर प्रतिबंध लगाया गया हुआ था। 

मुगलो के काल के दौरान स्थापत्य कला 

 स्थापत्य कला में इस्लामी और भारतीय शैली दोनों के मिक्षण से निर्माण हुए थे। 

 बाबर - आगरा में आरामबाग का निर्माण कराया गया था। 

 हुमायु - उसने पुरानी दिल्ली में दीनपनाह के नाम से पुस्तकालय बनवाया था। 

 अकबर ने हुमायु (अकबर के पिता) के मकबरे का निर्माण कराया था जो दोहरी गुम्बद वाला पहला मकबरा था। 

 अकबर के काल के दौरान आगरा का लालकिला, इलाहबाद का किला, लाहौर के किले का भी निर्माण कराया गया था। 

 फतेहपुर सीकरी में इमारते 

 दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास, जोधाबाई का महल, बीरबल का महल, इबादतखाना, पंच महल, शेख सलीम चिश्ती की दरगाह, बुलंद दरवाजा, तुर्की सुलतान महल। 

 जहाँगीर - सिकंदरा में अकबर के मकबरे का निर्माण कराया था। 

 इत्माद-उद-दौला के मकबरे का निर्माण जो उनकी पुत्री नूरजहाँ (जहाँगीर की पत्नी) ने कराया था। 

 शाहजहाँ - शाहजहाँ के काल को स्थापत्य कला का स्वर्ण युग कहा जाता है। 

 उसके काल के दौरान दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास (आगरा), मोती मस्जिद (आगरा), ताजमहल (आगरा) जो उस्ताद अहमद लाहौरी और ईशा खां द्वारा बनाया गया था, दिल्ली का लाकिला, दिल्ली में दीवान-ए-आम, दिल्ली में ही दीवान-ए-खास, दिल्ली की जामा मस्जिद।

 औरंगजेब - उसने अपनी पत्नी राबिया उद दौरानी के लिए बीबी का मकबरा का बनवाया था जो औरंगाबाद में स्थित है। 

 दिल्ली के लालकिले के अंदर मोती मस्जिद का निर्माण भी औरंगजेब ने ही कराया था।  

 मुगलो के काल के दौरान सिक्के 

 बाबर ने काबुल में चांदी का सिक्का (शारुख), कंधार में बाबरी सिक्का चलवाया था। 

 शेरशाह ने सोने का सिक्का (रुपया) और चांदी का सिक्का (दाम) चलवाया था। 

 अकबर ने सोने का सिक्का (इलाही), चांदी का सिक्का वर्गाकार (जलाली) और ताम्बे का सिक्का (दाम) चलवाया था। 

 अकबर न सिक्को पर राम और सीता का भी चित्रण करके सिक्का चलवाया था। 

 जहाँगीर ने सिक्को पर अपना चित्र लगवा क्र चलवाया था। 

 शाहजहाँ ने आना (1आना, 2 आना) की शुरुआत की थी। 

 औरंगजेब के काल में उसने सिक्को पर कलमा खुदवाना बंद कर दिया था उसके काल में सबसे ज्यादा सिक्के चलवाये गए थे। 

 जहा सिक्के बनते थे टकसालो का अधिकारी दरोगा होता था। 

 अकबर के काल के दौरान टक्साले 

 सोने की चार टक्साले थी, जबकि चांदी की 14 टक्साले थी और ताम्बे की 40 टक्साले थी। 


Thanks....