बाबर का इतिहास / Mugal Sashak Babar

परिचय  - बाबर का जन्म 14 फरवरी 1483 ई . को फरगना में हुआ था उसकी माता का नाम कुवलुगनिगार खानम जो चंगेज के वंशज से थी और पिता का नाम उमर श...

परिचय 

- बाबर का जन्म 14 फरवरी 1483 ई. को फरगना में हुआ था उसकी माता का नाम कुवलुगनिगार खानम जो चंगेज के वंशज से थी और पिता का नाम उमर शेख मिर्जा जो कि तैमूर के वंशज था। 

- 1494 ई. में बाबर के पिता की मृत्यु के बाद केवल 12 वर्ष की आयु में वो फरगना का शासक बना था। 

बाबर का प्रारंभिक संघर्ष 

- बाबर ने 1494 ई. में समरकंद को जीतने का प्रयास किया परन्तु ये उसका असफल प्रयास था। 

- 1497 ई. में समरकंद को जीता परन्तु केवल 100 दिन के लिए। 

- दोबारा पुनः प्रयास बाबर ने 1501 ई. में किया तब यह जीत बाबर के पास 8 महीने तक रही थी। 

- 1504 ई. में बाबर ने काबुल और गजनी को जीता था। 

- अपने जीतने की खुशी में बाबर ने 1507 ई. में बाबर ने बादशाह की उपाधि धारण की थी। 

- 1511 ई. में बाबर ने पुनः समरकंद पर अधिकार किया जो 1 वर्ष तक उसके आधीन रहा था। 

- बाबर को मध्य एशिया और समरकंद में केवल असफलता ही मिली जिसके बाद बाबर ने अपने कदम भारत की तरफ बढ़ाये थे। 

NOTE - अपनी इन असफलताओ के कारण बाबर ने अपनी आत्मकथा में लिखा था "मै एक साथ दो रमजान एक जगह नहीं बना पाया था "

बाबर भारत में कब आया 

- बाबर मध्य एशिया से आया था जो अब उज्बेकिस्तान में है।  

भारत में मुगलों का प्रवेश 1519 ई. में हुआ था उत्तर भारत में मुगलो का प्रवेश 1526 ई. में 

- बाबर को भारत में आने का आमंत्रण पंजाब के शासक दौलतखान और ब्राहिम लोधी (लोधी वंश का शासक )  के चाचा ने दिया था।  

- बाबर पहली बार भारत 1519 ई में आया था तब उसने भारत के सीमा क्षेत्र बाजौर और भेरा को जीता था। 

- उसके बाद बाबर ने 1519 ई. में ही पाकिस्तान से पेशावर को जीता था। 

- जबकि 1520 ई. में पंजाब सियालकोट पर आक्रमण किया था। 

- 1524 ई. तक पूरे पंजाब और लाहौर पर बाबर ने अपना अधिकार कर लिया था। 

- अपनी पांचवी लड़ाई में बाबर ने दिल्ली को जीता था इस युद्ध में बाबर ने इब्राहिम लोधी को हराया था। 

बाबर के समय भारत की राजनीतिक स्थिति 

- जिस समय बाबर ने दिल्ली में आक्रमण किया था तब सल्तनतकाल में  लोधी वंश के शासक इब्राहिम लोधी का शासन था। 

- जबकि दक्षिण भारत में विजयनगर में कृष्णदेवराय का शासन था और और बहमनी साम्राज्य में 5 राज्यों का आपस में ही संघर्ष चल रहा था। 

- मेवाड़ में राणा सांगा का शासन था इन सभी में आपस में संघर्ष था। 

बाबर द्वारा लड़े गए युद्ध 

पानीपत का प्रथम युद्ध 

- बाबर का पहला प्रमुख युद्ध पानीपत का युद्ध था जो 21 अप्रैल 1526 को सल्तनतकाल के अंतिम वंश लोधी के साथ हुआ था। 

- इस युद्ध में पहली बार तोपों का इस्तेमाल किया गया था। 

- इस युद्ध में तोपों का संचालन उस्ताद अली बुली ने किया था। 

- 1526 ई. में बाबर ने स्वयं को बादशाह घोषित करके मुग़लवंश की स्थापना की थी। 

- इस युद्ध के बाद बाबर ने चांदी के सिक्के बटवाये थे उसकी इस उदारता से खुश होकर प्रजा ने बाबर को कलंदर की उपाधि दे दी थी। 

खानवा का युद्ध 

- पानीपत के युद्ध के बाद बाबर ने 1527 ई. में राजपूत शासक मेवाड़ी राणा सांगा को खानवा के युद्ध में पराजित किया था। 

- बाबर ने इस युद्ध के लिए जिहाद(धर्म के लिए युद्ध इस्लाम की रक्षा के लिए) अपनाया था। 

- इस युद्ध के बाद बाबर ने गाजी की उपाधि धारण की थी उसको लगता था उसने काफिरो को मारा था। 

चंदेरी का युद्ध 

- चन्देरी मालवा और बुन्देलखण्ड की सीमा पर स्थित एक महत्वपूर्ण और व्यापारिक एवं राजनीतिक केंद्र था

- यह युद्ध 1528 ई. में हुआ था इस युद्ध में बाबर ने राजपूत सरदार मेदनीराय को पराजित किया था। 

- इस युद्ध में भी बाबर ने जिहाद का नारा दिया था। 

घाघरा युद्ध  

- यह युद्ध 1529 ई. में हुआ था इस युद्ध में बाबर ने लोदी वंश के अंतिम शासक इब्राहिम लोधी के भाई महमूद लोदी को हराया था। 

- महमूद लोधी एक अफगानी शासक था। 

बाबर की मृत्यु 

- इसके बाद 26 दिसंबर 1530 ई. को बाबर की मृत्यु हो गई थी। 


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