निर्धनता क्या है - भारत मे जिसके पास रोटी , कपडा , मकान नहीं है वह व्यक्ति निर्धन माना जाता है। - परन्तु आज के समय मे जिस इंसान के पा...
निर्धनता क्या है
- भारत मे जिसके पास रोटी , कपडा , मकान नहीं है वह व्यक्ति निर्धन माना जाता है।
- परन्तु आज के समय मे जिस इंसान के पास शिक्षा , स्वास्थ्य , स्वच्छता नहीं है वही निर्धन है।
- विश्व बैंक के अनुसार भारत मे हर पांचवा व्यक्ति गरीब है।
- अमेरिका मे जिसके पास कार नहीं है वो निर्धन है।
निर्धनता के प्रकार
निर्धनता आम भाषा मे दो तरह की होती है (1) ग्रामीण निर्धनता (2) शहरी निर्धनता
(1) ग्रामीण निर्धनता- ग्रमीण क्षेत्रो मे निर्धन मे भूमिहीन व्यक्ति , खेतिहर मजदूर , छोटे किसान
(2) शहरी निर्धनता - शहरों मे निर्धनों मे रिक्शा चलाने वाले , मोची , मजदूर भी निर्धनता मे आते है।
अन्तर्राज्य असमानताएं
- प्रत्येक राज्य मे निर्धन समान नहीं होते है अभी के आकडो के अनुसार बिहार और उड़ीसा राज्य मे सबसे ज्यादा गरीब लोग है।
- पंजाब और हरियाणा राज्य मे गरीबी कम हुई क्योकि वहा कृषि मे हरित क्रांति के कारण सुधार हुए थे।
- केरल राज्य मे मानव संसाधनों पर ध्यान देकर निर्धनता को कम किया।
- आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु मे अनाज के वितरण से गरीबी को कम किया।
- पच्छिम बंगाल मे भूमि सुधार किये गए थे जिस से ग्रीभी कम की गयी।
सामाजिक वैज्ञानिक के लिए निर्धनता की परिभाषा
- उनके अनुसार जिसके पास रोटी , कपडा , मकान , शिक्षा , स्वास्थ्य , स्वच्छता नहीं है वही निर्धन है , अर्थशास्त्री इसी आधार पर निर्धनों के आंकड़े जारी करते है।
सामाजिक अपवर्जन
- सामाजिक अपवर्जन का अर्थ है जिसमे गरीब लोगो को अमीरो के साथ उनके जितना सम्मान नहीं मिलता है जैसे - किसी भी कॉलोनी मे अमीर के साथ अगर गरीब भी हो तो उनको इतना सम्मान नहीं मिलता है या फिर किसी अस्पताल मे भी गरीब को ज्यादा न देखकर अमीरो पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है।
निर्धनों की असुरक्षा
- किसी भी आपदा मे निर्धन व्यक्ति को ही कठिनाईयो का सामना करना पड़ता है जैसा कि अब कोरोना की मुसीबत मे भी देखा जा सकता है।
- निर्धन व्यक्ति को हमेशा कठिनाई झेलनी पड़ती है।
निर्धनता रेखा की सीमा
- जिस व्यक्ति को ग्रामीण क्षेत्र मे 2400 कैलोरी प्रति व्यक्ति प्रति दिन नहीं प्राप्त हो पाती है वही निर्धन है।
- शहरों मे आम मनुष्य को 2100 कैलोरी प्रति व्यक्ति प्रति दिन आवश्यक होती है।
- यदि इनको इतनी कैलोरी नहीं मिलती है वो निर्धन की श्रेणी मे आते है।
आय (2011 के आकड़ो के अनुसार)
- ग्रामीण क्षेत्रो मे एक व्यक्ति की 816 रू. प्रति माह आय होना जरूरी होता था।
- शहरी क्षेत्रो मे एक व्यक्ति की 1000 रू. प्रति माह आय होना जरूरी होता था।
- अगर किसी की इतनी आय नहीं होती तो वह गरीबी रेखा मे आता है।
2014 के आकड़ो के अनुसार आय
- ग्रामीण क्षेत्रो मे एक व्यक्ति की आय 972 रू. प्रति माह आय होना जरूरी होता है।
- शहरी क्षेत्रो मे एक व्यक्ति की1407 रू. प्रति माह आय होना जरूरी होता है।
गरीबी कम करने के सरकार द्वारा किये गए प्रयास
(1)महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार अधिनियम 2005 (MGNREGA)
- इस अधिनियम का उद्देश्य क्षेत्रो मे आजीविका को सुरक्षित करना है।
- वर्ष मे कम से कम 100 दिन एक व्यक्ति को काम मिलना जरूरी है।
- जबकि इसमें एक तिहाई काम महिलाओं के लिए सुरक्षित किया गया है।
- यदि किसी को किसी कारणवश रोजगार नहीं मिल पाता तो सरकार उसको बेरोजगरी का भत्ता देती है।
(2)प्रधानमंत्री रोजगार योजना
- इस योजना को 1993 मे शुरू किया गया था।
- इस योजना के तहत लघु व्यसाय तथा उद्योग स्थापित करने मे लोगो की सहायता करना है।
- इसका उद्देश्य ग्रामीण और छोटे शहरों मे शिक्षित बेरोजगार को रोजगार का अवसर प्रदान करना है।
NSSO - National Sample Survey Organisation
NSSO - यह एक संस्थान है जिसमे भारत के ग्रामीण और शहरी क्षेत्र का सामाजिक और आर्थिक डेटा एकत्रित किया जाता है। जिसमे अपने देश की हालत का पता चलता है जिसके द्वारा सरकार सुधार के प्रयास करती है।
- 1993-94 के आकड़े के अनुसार भारत मे 45 % जनसंख्या गरीबी रेखा से नीचे थी।
- 2004 -2005 के आकड़ो के अनुसार यह गिरकर 37.2 % रह गयी थी।
- 2011-2012 के आकड़ो के अनुसार 22 % थी।
- गरीबी रेखा मे अधिकतर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति मिलती है।
- छोटे किसान और लड़किया भी गरीबी रेखा से नीचे आती है।
वैश्विक गरीबी रेखा
विश्व मे गरीबी के आकड़े
भारत
- 1990 मे 36 % जनसंख्या गरीबी रेखा से नीचे थी।
-जबकि 2015 मे ये घटकर 10.68 % रह गयी थी
चीन
- 1980 के आकड़ो के अनुसार चीन मे 81.1 % जनसंख्या गरीब थी वही 2008 मे घटकर 14.7 % रह गयी।
- 2015 के आकड़ो क अनुसार चीन मे सिर्फ 0.7 % ही गरीबी रेख के नीचे है।
दक्षिण अफ्रीका
- 2005 मे दक्षिण अफ्रीका मे 34% जनसँख्या गरीबी रेखा मे आती थी।
- वही 2013 मे गिरकर 16.2 % रह गयी थी।
भारत मे निर्धनता के कारण
- ब्रिटिश शासन काल मे उन्होने हमारे छोटे व्यवसाय ख़त्म कर दिए थे ,जिस से देश मे विकास नहीं हो पाया था।
- अब हमारे देश मे विदेशी माल अधिक अपनाया जाता है जिस से अपने देश के वव्यापार खत्म हो जाते है।
- जनसंख्या वृद्धि सबसे बड़ा कारण है।
- भूमि और अन्य संसाधनों का आसमान वितरण भी एक निर्धनता का कारण है इस से गरीब और गरीब होता अमीर और अमीर होता जाता है।