परिचय - मौर्य वंश के बाद भारत का प्रशासन छोटे छोटे वर्गों मे विभाजित हो गया था कुछ बाहरी लोगो ने आकर आक्रमण कर अपना साम्राज्य स्थापित करन...
परिचय
- मौर्य वंश के बाद भारत का प्रशासन छोटे छोटे वर्गों मे विभाजित हो गया था कुछ बाहरी लोगो ने आकर आक्रमण कर अपना साम्राज्य स्थापित करने की कोशिश की परन्तु कोई बड़ा साम्राज्य स्थापित नहीं हो पाया। परन्तु 319 AD मे एक नए साम्राज्य गुप्त साम्राज्य की स्थापना हुई थी।
- कुछ इतिहासकारो का मानना है गुप्त कुषाणो राजवंश के सामंत ( राजा के नीचे कुछ छोटे अधिकारी जो छोटे छोटे राज्य देखते थे) थे , उन्होंने कुछ समय बाद खुद को स्वंतंत्र घोषित कर खुद की सत्ता स्थापित की।
- गुप्त राजवंशो की जाति को लेकर इतिहासकारो मे मतभेद है कुछ का मानना है गुप्त शूद्र थे कुछ इतिहासकारो का कहना है गुप्त वेश्या थे परन्तु ज्यादातर इतिहासकार वेश्या जाति को लेकर सहमत थे।
- इन्होने अपने शासन की शुरुआत बिहार,उत्तर प्रदेश से की थी।
गुप्त साम्राज्य की जानकारी के स्रोत्र -
साहित्य - गुप्त साम्राज्य की जानकारी कुछ साहित्यो से भी मिलती है जैसे - देवीचंद्रगुप्तम , मुद्राराक्षस , कामसूत्र (वात्सायन द्वारा रचित), कुछ कालिदास की रचनाओं से भी गोट साम्राज्य के प्रमाण प्राप्त होते है।
लेख - कुछ लेखो से भी गुप्त साम्राज्य की जानकारी प्राप्त होती है जैसे प्रयाग प्रशस्ति ( हरिशेन द्वारा रचित ये समुन्द्रगुप्त के दरबारी थे), ऐरण अभिलेख (इस से सती प्रथा के प्रमाण भी मिलते है), ताम्रपत्र , मुहरों पर लिखे लेखो से भी गुप्त साम्राज्य की जानकारी प्राप्त होती है।
- गुप्त साम्राज्य की मुद्रा सोने की होती थी जिसके द्वारा विदेशी व्यापार किया जाता था , इनकी प्राप्त मुद्रा से इनकी आर्थिक स्थिति और कलाओ की जानकारी प्राप्त होती है।
यात्रा विवरण - गुप्त साम्राज्य के दौरान कुछ विदेशी यात्री भी भारत आये थे (1) फाहियान (2) श्वेन तत्सांग इनकी यात्राओं के विवरण से भी गुप्त साम्राज्य की जानकारी मिलती है।
गुप्त साम्राज्य के प्रमुख शासक
(1) श्री गुप्त
- श्री गुप्त गुप्त काल के प्रथम शासक और संस्थापक भी थे।
- श्री गुप्त की जानकारी हमे प्रयाग प्रसस्ति से मिलती है।
- श्री गुप्त का कार्यकाल (240-280) AD तक था उनके शासन काल को लेकर इतिहासकारो मे मतभेद है कुछ का मानना है उनका कार्यकाल 275 AD तक था।
(2) घटोत्कच
- घटोत्कच का कार्यकाल (280-319) AD तक का था।
- घटोत्कच ने महाराज की उपाधि धारण की थी।
(3) चन्द्रगुप्त प्रथम
- इनका कार्यकाल (319-335) AD था।
- चंद्रगुप्त गुप्तकाल के वास्तविक संस्थापक थे।
- चन्द्रगुप्त ने राजा बनने के उपलक्ष्य मे 319 AD मे गुप्त सवंत नाम से कैलेंडर चलाया था।
- इन्होने महाराजाधिराज की उपाधि धारण की थी।
- चन्द्रगुप्त प्रथम ने लिछवि की राजकुमारी कुमार देवी से विवाह कर अपना साम्राज्य बड़ा करने की कोशिश की थी।
(4) समुन्द्रगुप्त
- समुन्द्रगुप्त का शासनकाल( 335-375) AD तक था।
- विसेंट स्मिथ ने समुन्द्रगुप्त को भारत का नेपोलियन कहा था।
- हरिषेण द्वारा रचित प्रयाग प्रसस्ति लेख से समुन्द्रगुप्त की युद्ध मे विजयो की जानकारी मिलती है।
- समुन्द्रगुप्त ने आर्यावृत (उत्तर भारत) मे 9 राजाओं और दक्षिन भारत मे 12 राजाओं को पराजित किया था जिसकी जानकारी प्रयाग प्रसस्ति लेख से मिलती है।
- प्रयाग प्रसस्ति लेख का निर्माण मौर्य शासक अशोक ने कौशाम्बी मे कराया था जिसको बाद मे अकबर लेख को प्रयाग मे ले गया था।
- इस लेख से अकबर और बीरबल की भी जानकारी मिलती है।
- समुन्द्रगुप्त को कविराज भी कहा जाता था , उन्होंने एक सिक्का वीणा बजाते हुए चित्र भी बनवाया था जिस से पता चलता है की समुन्द्रगुप्त कला प्रेमी भी था।
(5)चन्द्रगुप्त द्वितीय
- चन्द्रगुप्त द्वितीय का शासनकाल (375-415) AD तक था। इन्होने शक (मध्य एशिया की एक जनजाति ) को भी हराया था।
- शको पर जीत के उपलक्ष्य मे चन्द्रगुप्त द्वितीय ने विक्रमादित्य की उपाधि धारण की थी और चांदी के सिक्के भी जारी किये थे।
- गुप्तकाल मे सबसे ज्यादा सोने के सिक्के चलाये गए थे।
- चन्द्रगुप्त द्वितीय के दरबार मे नौरत्न रहते थे और फाहियान (चीनी बौद्ध यात्री) फ़ो की की (इनकी रचना जिसमे यात्रा का वर्णन है )इनके शासनकाल के दौरान ही भारत आये थे।
- कालीदास कवि इन्ही के समय काल के पप्रसिद्ध कवि थे।
(6) कुमार गुप्त
- इनका शासन काल (415-455) AD तक था और ये वैष्णव धर्म को मानते थे।
- नालंदा विश्वविद्यालय (बौद्ध शिक्षण संस्थान) उन्ही के द्वारा बनवाया गया था।
- हुण (मध्य एशिया की आक्रमक जनजाति) इनपर प्रथम अकर्मण कुमारगुप्त के द्वारा किया गया था।
- हूणों को पराजित करने के लिए कुमार गुप्त ने अपने पुत्र स्कंदगुप्त को भेजा था।
(7) स्कंदगुप्त
- स्कंदगुप्त का शासनकाल (455-467 )AD तक था उसने हूणों को हराया था।
- सुदर्शन झील का पुनरुद्धार कराया था जिसका निर्माण मौर्य शासक चन्द्रगुप्त ने कराया था इस झील का पुनरुद्धार कई शासको ने कराया था।
- इनके शासनकाल के बाद गुप्त शासन कमजोर होने लगा था।
(8) भानुगुप्त
(9) विष्णुगुप्त
- विष्णुगुप्त गुप्त काल का अंतिम शासक था
मेरा ब्लॉग पढ़ने के लिए धन्यवाद्। ..
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