शेरशाह सूरी का शेरशाह का प्रशासन / shersah soori ka prasashan

  मेरे ब्लॉग पर आने के लिए आपका धन्यवाद अपने पिछले ब्लॉग मे हमने शेरशाह के इतिहास के बारे में पढ़ा था आज हम सूरी वंश की अर्थव्यवस्था और उनके...

 

शेरशाह सूरी का  शेरशाह का प्रशासन

मेरे ब्लॉग पर आने के लिए आपका धन्यवाद अपने पिछले ब्लॉग मे हमने शेरशाह के इतिहास के बारे में पढ़ा था आज हम सूरी वंश की अर्थव्यवस्था और उनके आय के साधन के बारे जानेंगे। .....  

शेरशाह की प्रशासन व्यवस्था 

 केन्द्रीय व्यवस्था

- सूरी वंश के दौरान प्रशासन केन्द्रीय व्यवस्था में था और सुल्तान ही सभी शक्तियों का केंद्र बिंदु था। 

- कुछ मंत्रिओ के विभाग शेरशाह ने नियुक्त किये गए थे जैसे 

दीवाने-वजारत = राजस्व विभाग 

दीवाने-आरिज = सैन्य संगठन विभाग 

दीवाने-रसालत = विदेशी मामले का विभाग  

दीवाने-ईशा = पत्र व्यवहार और सुल्तान के लिए पत्र लिखना वाला विभाग 

दीवाने-क़ज़ा = न्यायधीश विभाग 

दीवाने-बरीद = गुप्तचर विभाग 

प्रांतीय व्यवस्था 

- सूरवंश का साम्राज्य प्रांतीय विभाग में भी विभाजित था। 

- प्रांतीय शासन में एकता प्रथा भी मौजूद थी और कुछ विभाग भी बनाये गए थे जैसे 

सिकदार-ए-सिकदारा = सैनिक अधिकारी विभाग 

मुन्सिफ-ए-मुंसिफ़ा = न्याय अधिकारी विभाग 

- हर प्रान्त में एक सिकदार, एक मुंसिफ और दो क्लर्क होते थे। 

- गांव सबसे छोटी इकाई थी। 

सूर वंश की अर्थव्यवस्था  

- शेरशाह सूरी का आय का साधन भूमि कर / राजस्व और इसके अतिरिक्त व्यापार  कर, टकसाल, युद्ध के लूट का भाग, जजिया कर और उपहार आदि भी था। 

- शेरशाह का कर 1/3  था और उसके काल में किसानो को पट्टे भी दिए जाते थे। 

- भूमि की माप के लिए सिकंदरी गज (32 इंच का इंचीटेप) और सन का डंडी का इस्तेमाल होता था। 

- शेरशाह ने पुराने सिक्के बंद करके नए सिक्के चलवाये थे। 

- उसके काल में टकसालो की संख्या 23 थी। 

सैनिक व्यवस्था 

- इनके काल में घुड़सवार, पैदल सैनिक, हाथी सैनिक, तोपखाना सभी तरह के सैनिक थे। 

- सूरी वंश के दौरान नगद वेतन दिया जाता था। 

- घोड़े को दागना और सैनिको का हुलिया लिखने की प्रथा भी मौजूद थी। 

- शेरशाह ने खिलजी वंश के शासक अलाउदीन खिलजी की पद्धति को जीवित कर दिया था। 

शहर और इमारते 

- शेरशाह ने उत्तर-पच्छिम सीमा पर रोहताशगढ़ नामक दुर्ग बनवाया था। 

- कन्नौज नगर की जगह शेरसूर नामक नगर को बनवाया था। 

- पटना नगर की स्थापना भी की थी। 

- शेरशाह ने सासाराम में झील के बीच खुद का मकबरा बनवाया था। 

- शेरशाह ने दिल्ली में किला-ए-कुहना नामक मस्जिद का निर्माण भी कराया था। 

-सड़क और सराय का निर्माण 

- GT रोड (NH-1 और NH-2) की मरम्मत कराई थी यह सड़क बंगाल से पाकिस्तान को जोड़ती है। 

- शेरशाह ने डाक प्रथा का चलन भी शुरू किया था। 


Thanks...........