राजपूत काल के इतिहास के बारे में बताइये / Period of Rajpootkaal

नमस्कार आपका इस ब्लॉग पर स्वागत है आज हम मध्यकालीन इतिहास के राजपूत काल का विस्तार से अध्ययन करेंगे। ... राजपूतो की उत्पत्ति   राजपूत शब्द क...


नमस्कार आपका इस ब्लॉग पर स्वागत है आज हम मध्यकालीन इतिहास के राजपूत काल का विस्तार से अध्ययन करेंगे। ...

राजपूतो की उत्पत्ति  

राजपूत शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के एक शब्द राजपुत्र से हुई है जिसका अर्थ है राजा का पुत्र अर्थात् क्षत्रिय जाति प्राचीन काल मे राजपूत को एक जाति न समझकर किसी भी राजवंशी परिवार के लिए प्रयोग किया जाता था।  

- बाद में जमीदारो के लिए राजपूत शब्द का प्रयोग होने लगा था।   

- हर्षवर्धन की मृत्यु के बाद एक ही ऐसा वंश आया जिसने पूरे भारत पर शासन किया गुर्जर प्रतिहार वंश इसके बाद राजपूत शासन बिखरने लगा था। 

- राजपूत काल की शुरुआत लगभग 700 BC से 1200 BC तक रहा। 

- राजपूतो की उत्पत्ति के बारे में अलग अलग इतिहासकारो का अपना अपना मत है जो भागो में रहे (1) स्थानीय मत    (2) विदेशी मत 

(1) विदेशी मत 

कर्नल जेम्स - इनके अनुसार " सीथियन जातियां जो भारत आये थी वही बाद में राजपूत कहलाये " क्योकि सीथियन जाति में कुछ समानताएं थी जैसे - वो मांसाहारी थे , युद्ध रथो के द्वारा करते थे , यज्ञ को मह्त्वपूर्ण समझते थे। 

- विलियम क्रुक ने भी कर्नल जेम्स का समर्थन किया था।  

स्मिथ - इनके अनुसार शक और कुषाण आपस में मिलकर बाद में राजपूत कहलाये। 

कनिघम - कनिंघम स्मिथ के मत से सहमत थे। 

(2) स्थानीय मत 

टॉड के अनुसार  कर्नल और विलियम क्रुक की सीथियन जाति से राजपूतो की तुलना करना एक कलपना है क्योकि ये सभी क्रियाये प्राचीन काल से ही भारत में होती आ रही है।  

भारतीय इतिहासकार गौरी शंकर हीराचंद ओझा - इनका मानना था प्राचीन भारत की क्षत्रिय जातियाँ (इनके वंशज) ही राजपूत कहलाये।

चंदरबाई -   इन्होने पृथ्वीराज रासो की रचना की थी जिसमे लिखा है राजपूतो की उतपत्ति अग्निकुंड से हुई है। 

- चंदरबाई के द्वारा राजपूतो की 36 जातियां थी जो इस प्रकार थी -

(1) सूर्यवंश - सूर्यवंश की जाति से 10 जातियां थी। 

(2) चन्द्रवंश -  इस वंश से 10 जातियों की उत्पत्ति हुई थी। 

(3) अग्निकुंड - इस से चार जातियों की उत्पत्ति हुई थी। 

(4) ऋषिवंश - इस वंश से 12 जातियों की उत्पत्ति हुई थी। 

-   पृथ्वीराज रासो में लिखा है जब दुश्मनो के आक्रमण ज्यादा हो गए थे तब ऋषि वसिष्ठ ने माउंट आबू पर्वत पर यज्ञ किया था जिसमें चार राजपूत जातियों की उत्पत्ति हुई थी।  

(1) गुर्जर प्रतिहार  

(2) चौहान 

(3) परमार 

(4) चालुक्य 

- गोपीनाथ शर्मा ने राजपूतो की ब्राह्मणो से उत्पत्ति का सिद्धांत दिया है। 

प्रमुख राजपूत वंश 

(1) गुर्जर प्रतिहार वंश इनका शासन गुजरात दक्षिण भारत और राजस्थान क्षेत्र पर था 

(2) चौहान वंश का शासन राजस्थान और दिल्ली क्षेत्र पर था। 

(3) परमार वंश का शासन मालवा और धार क्षेत्र पर था 

(4) चालुक्य / सोलंकी वंश का शासन गुजरात क्षेत्र पर था। 

(5) चंदेल वंश का शासन बुंदेलखंड क्षेत्र पर था। 

(6) सिसोदिया वंश का शासन मेवाड़ और राजस्थान क्षेत्र पर था। 

(7) गढ़वाल वंश का शासन कन्नौज क्षेत्र पर था।  

राजपूत वंश का पतन 

1192 ई. में तराईन के युद्ध (पृथ्वीराज और मौहम्मद गौरी के मध्य) में पृथ्वीराज की हार के बाद राजपूत वंश का काल लगभग समाप्त हो गया था।   


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