हड्डपा की कहानी - लगभग 150 वर्ष पहले रेलवे लाइन बिछाई जा रही थी तब वहा हड्डपा नामक जगह के पुरास्थल मिले। - वर्तमान में हड्डपा पाकिस्तान ...
हड्डपा की कहानी
- लगभग 150 वर्ष पहले रेलवे लाइन बिछाई जा रही थी तब वहा हड्डपा नामक जगह के पुरास्थल मिले।
- वर्तमान में हड्डपा पाकिस्तान क्षेत्र में है इसकी खोज भारत में सबसे पहले की गयी थी।
- इसलिए इस सभ्यता को हड्डपा सभ्यता का नाम दिया गया।
- हड्डपा सभ्यता एक नगरीय सभ्यता थी इन नगरों का निर्माण लगभग 500 वर्ष पूर्व हुआ होगा।
- सबसे पहले हड्डपा की खोज दयाराम साहनी ने 1921 ई. में की थी।
- इस सभ्यता का काल 2300 ई.पू. से 1750 ई. पू. के मध्य का माना जाता है।
- हड्डपा के नगरों को दो भागो में बाटा गया था
(1) निचले नगर (पूर्वी भाग) (2) ऊचे नगर (पच्छिमी नगर) ऊचे नगरों को दुर्ग कहा जाता था
- कालीबंगा और लोथल में अग्निकुण्ड के प्रणाम मिले है।
- बड़े- बड़े भण्डार गृह हड्डपा, मोहनजोदड़ो और लोथल से मिले है।
लिपिक - संकेतो में लिखी भाषा को लिपिक कहते है।
नगर और नए शिल्प
- हड्डपा नगर से शंख , तांबे , सोने , चांदी , कांसे आदि से बने औज़ार, सिक्के ,आभूषण , बर्तन मिले।
- उस समय के लोग बर्तन लाल मिलती से बनाते थे जिस पर काले रंग का डिज़ाइन बनाते थे जो शायद विशेषज्ञ द्वारा ही बनाये गए होंगे।
फेयंश
- पत्थर और शंख प्राकृतिक होते है परन्तु फेयंश कृत्रिम तौर पर तैयार किया जाता था।
- फेयंश बालू या स्फटिक पत्थर के चूर्ण को गोंद में मिलाकर तैयार होता है।
- इसके बाद इस पर चिकनी परत जो हरे या नीले रंग की होती थी चढ़ाई जाती थी।
- फेयंश के द्वारा मनके , चूडिया और छोटे बर्तन बनाये जाते थे।
कच्चे माल की खोज
- जो पदार्थ पृथ्वी पर प्राकृतिक रूप से उपलब्ध होते है इनको कच्चा माल कहते है जैसे तेल , तिल, धातु आदि।
- कपास भी एक कच्चा माल होता है।
- हड्डपा के लोग गेहू , जौ, दाल, मटर, धन , तिल , सरसो आदि उगाते थे।
- हड्डपा काल से हल के प्रकार के खिलोने प्राप्त हुए है जिस से पता चलता है उस समय कृषि में हल का प्रयोग होता होगा।
- हड्डपावासी गाय , भैंस , बकरी आदि का पालन करते होंगे।
गुजरात में हड्डपाकालीन नगर का सूक्ष्म निरीक्षण
- गुजरात के कच्छ इलाके में खादिर बेत के किनारे धौलावीरा नगर बसा था।
- वहां पर साफ़ पानी और भूमि उपजाऊ थी।
- धौलावीरा में खुला मैदान भी था।
- गुजरात की खम्भत की खाड़ी में मिलने वाली साबरमती नदी के किनारे बसा लोथल में कीमती पत्थर और कच्चे माल मिलता होगा।
- यहाँ एक इमारत मिली है जिसमे मनके बनने का कार्य होता होगा।
सभ्यता के अंत होने का रहस्य
- हड्डपा सभ्यता का अंत होना एक रहस्य ही है कुछ विद्वानों का मानना है इसका अंत बाढ़ से हुआ है कुछ का कहना है सूखा पड़ा होगा।
- परन्तु इस सभ्यता के अंत के पक्के प्रमाण नहीं मिले है।
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