NCERT HISTORY CLASS 6TH CHAPTER - 3 आरम्भिक नगर

  हड्डपा की कहानी  - लगभग 150 वर्ष पहले रेलवे लाइन बिछाई जा रही थी तब वहा हड्डपा नामक जगह के पुरास्थल मिले।  - वर्तमान में हड्डपा पाकिस्तान ...

NCERT HISTORY  CLASS 6TH  CHAPTER - 3 आरम्भिक नगर

 हड्डपा की कहानी 

- लगभग 150 वर्ष पहले रेलवे लाइन बिछाई जा रही थी तब वहा हड्डपा नामक जगह के पुरास्थल मिले। 

- वर्तमान में हड्डपा पाकिस्तान क्षेत्र में है  इसकी खोज भारत में सबसे पहले की गयी थी। 

- इसलिए इस सभ्यता को हड्डपा सभ्यता का नाम दिया गया। 

- हड्डपा सभ्यता एक नगरीय सभ्यता थी इन नगरों का निर्माण लगभग 500 वर्ष पूर्व हुआ होगा। 

- सबसे पहले हड्डपा की खोज दयाराम साहनी ने 1921 ई. में की थी। 

- इस सभ्यता का काल 2300 ई.पू. से 1750 ई. पू. के मध्य का माना जाता है। 

हड्डपा की विशेषताए 

- हड्डपा के नगरों को दो भागो में बाटा गया था 

(1) निचले नगर (पूर्वी भाग)       (2) ऊचे नगर (पच्छिमी नगर) ऊचे नगरों को दुर्ग कहा जाता था 

- कालीबंगा और लोथल में अग्निकुण्ड के प्रणाम मिले है। 

- बड़े- बड़े भण्डार गृह हड्डपा, मोहनजोदड़ो और लोथल से मिले है। 

लिपिक - संकेतो में लिखी भाषा को लिपिक कहते है। 

नगर और नए शिल्प 

- हड्डपा नगर से शंख , तांबे , सोने , चांदी , कांसे  आदि से बने औज़ार, सिक्के ,आभूषण , बर्तन मिले। 

- उस समय के लोग बर्तन लाल मिलती से बनाते थे जिस पर काले रंग का डिज़ाइन बनाते थे जो शायद विशेषज्ञ द्वारा ही बनाये गए होंगे। 

फेयंश  

- पत्थर और शंख प्राकृतिक होते है परन्तु फेयंश कृत्रिम तौर पर तैयार किया जाता था। 

- फेयंश बालू या स्फटिक पत्थर के चूर्ण को गोंद में मिलाकर तैयार होता है। 

- इसके बाद इस पर चिकनी परत जो हरे या नीले रंग की होती थी चढ़ाई जाती थी। 

- फेयंश के द्वारा मनके , चूडिया और छोटे बर्तन बनाये जाते थे। 

कच्चे माल की खोज 

- जो पदार्थ पृथ्वी पर प्राकृतिक रूप से उपलब्ध होते है इनको कच्चा माल कहते है जैसे तेल , तिल, धातु आदि। 

- कपास भी एक कच्चा माल होता है। 

- हड्डपा के लोग गेहू , जौ, दाल, मटर, धन , तिल , सरसो आदि उगाते थे। 

- हड्डपा काल से हल के प्रकार के खिलोने प्राप्त हुए है जिस से पता चलता है उस समय कृषि में हल का प्रयोग होता होगा। 

- हड्डपावासी गाय , भैंस , बकरी आदि का पालन करते होंगे। 

गुजरात में हड्डपाकालीन नगर का सूक्ष्म निरीक्षण 

- गुजरात के कच्छ इलाके में खादिर बेत के किनारे धौलावीरा नगर बसा था। 

- वहां पर साफ़ पानी और भूमि उपजाऊ थी। 

- धौलावीरा में खुला मैदान भी था। 

- गुजरात की खम्भत की खाड़ी में मिलने वाली साबरमती नदी के किनारे बसा लोथल में कीमती पत्थर और कच्चे माल मिलता होगा। 

- यहाँ एक इमारत मिली है जिसमे मनके बनने का कार्य होता होगा। 

सभ्यता के अंत होने का रहस्य 

- हड्डपा सभ्यता का अंत होना एक रहस्य ही है कुछ विद्वानों का मानना है इसका अंत बाढ़ से हुआ है कुछ का कहना है सूखा पड़ा होगा। 

- परन्तु इस सभ्यता के अंत के पक्के प्रमाण नहीं मिले है। 


NCERT HISTORY  CLASS 6TH  CHAPTER - 4  क्या बताती है हमे किताबे और कब्रे 


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